"राफेल विमान" का पूजन
भारत के रक्षामंत्री राजनाथ सिंह जी पहला राफेल विमान लेने के लिए फ्रांस गये हुये थे, वहां उन्होने दिनांक 08-09-2019 को दशहरे के दिन राफेल इंडक्शन सेरेमनी मे भाग लिया | और औपचारिक तरीके से भारत का पहला राफेल विमान भारत को आधिकारिक तौर पर सौंपा गया | इसके बाद मंत्री जी ने शस्त्र पूजा की, जिसने हिन्दू रीति रिवाजो को अनुसार राफेल विमान की पूजा की गयी | उन्होने राफेल विमान के उपर हिन्दूओ का पवित्र चिन्ह ओम बनाया, नारियलफोडा और राफेल
जब देश के रक्षा उपकरणो को हिन्दू मान्यताओ के हिसाब से शामिल किया जाए, और देश के सेकुलर चुप रह जाए | यह तो हो नही सकता | अब सेकुलरो को अपना मोदी बिरोधी एजेंडा चलाने का और संविधान के हितैषी बनने का मौका मिल गया था | तो उन्होने सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ काफी जहर उगला ,संविधान की दुहाई दी गयी | उनके हिसाब से अगर राफेल के आगे का हिस्सा थोडा काट दिया जाता है | या इस्लामिक हिसाब से उस पर नवाज पडी जाती तो शायद संविधान की रक्षा होती | कुछ दिन पहले NDTV के पत्रकार रवीश कुमार ने अपाचे हैलीकॉप्टर के पूजन के बाद कहा था कि सेकुलर देश मे हिन्दू रिवाजो से भारत के सैन्य शस्त्रो को पूजन नही करना चाहिए था |
कांग्रेस के नेता आचार्य प्रमोद ने भी इसको संविधान के खिलाफ बताया | लेकिन एक बात समझ मे नही आती हैं कि इन लोगो को हिन्दू मान्यताओ से नफरत क्यो हैं |
ट्वीटर पर किये गये कुछ ट्वीटस -
देश के हिन्दू नेता, कुछ हिन्दू धर्म के हिसाब से कार्य क्या कर दें, @AcharyaPramodk जैसे सेकुलर भामडो को मौका मिल जाता है उनपर हमला करने का |
— Vishal Nayak🇮🇳 (@vishal_nayak87) October 8, 2019
"भारत हिंदु राष्ट्र हैं हम इसे सेकुलर देश नही मानते | "
शस्त्र पूजा केवल हिंदुओं में होती है.. दूसरों में तो हथियारों का नंगा नाच होता है, जिसके ख़िलाफ़ आपकी सेकुलर जमात ना कभी बोलती है न ट्वीट करती है. वैसे हमारी शस्त्र पूजा से कुछ लोगों को तो डर लगना ही है... https://t.co/T5Zy6UxnLt
— Suresh Chavhanke “Sudarshan News” (@SureshChavhanke) October 8, 2019
रक्षा मंत्री “हिंदू” हैं तो “राफ़ेल” को रोली चंदन लगा कर ॐ लिख दिया गया,लेकिन अगर मंत्री “मुसलमान” होता तो क्या “अज़ान” देता, ऐसा लगता है कि अब “संविधान” से “सैक्यूलर” शब्द हटा देना चाहिये.
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) October 8, 2019
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